Lasl Update:01-Nov-2011 |
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हर
राशि का एक ग्रह होता है। वह उसका स्वामी कहलाता है।
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मेष और
वृश्चिक का स्वामी मंगल है।
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वृषभ
और तुला का स्वामी शुक्र है।
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मिथुन और कन्या का स्वामी बुध है।
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कर्क
राशि का स्वामी चंद्र है।
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सिंह
राशि का स्वामी सूर्य है।
*
धनु
राशि और मीन राशि का स्वामी गुरु है।
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कुंभ तथा मकर का स्वामी शनि है।
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हर
ग्रह की एक राशि पृथ्वी का भौतिक गुण रखती है तथा
दूसरा मानसिक गुण।
जैसे
कन्या-भौतिक गुण तथा मिथुन-मानसिक गुण
*
वृषभ
भौतिक एवं तुला मानसिक
*
वृश्चिक - भौतिक एवं मेष मानसिक
*
धनु
- भौतिक तथा मीन मानसिक
*
मकर -
भौतिक एवं कुंभ मानसिक
*
जन्मकुंडली के 12 स्थानों में लिखे अंक राशियों के
होते हैं।
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राशियाँ क्रमवार होती हैं। मेष से लेकर मीन तक।
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कुंडली
में चंद्रमा जिस अंक के साथ लिखा होता है वही आपकी
राशि होती है। अर्थात उस अंक पर आने वाली राशि आपकी
होगी।
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कुंडली
के बीच वाले स्थान को लग्न कहते हैं और उस स्थान पर
अंकित आपका लग्न है।
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जैसे अगर कुंडली के केंद्र में 2 लिखा है तो वृषभ लग्न
होगा और चंद्रमा 11 अंक के साथ होगा तो राशि कुंभ
होगी।
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इसी
केंद्र से 12 खानों या घरों की गणना होती है। घड़ी के
उल्टे क्रम से संख्या आगे बढ़ेगी।
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कुंडली
के हर घर की विशेषता होती है।
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चाहे केंद्र में अंक कोई भी हो पहला घर वही माना
जाएगा।
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कुंडली के प्रथम स्थान में अंकित लग्न के स्वामी को
लग्नेश या केंद्रेश कहते हैं। जैसे अगर पहले स्थान में
चार अंक लिखा है तो कर्क लग्न और लग्नेश चंद्र होगा।
क्योंकि कर्क राशि का स्वामी चंद्र है।
* 12
स्थानों पर अंकित ग्रह अन्य स्थानों पर दृष्टि डालते
हैं।
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जैसे
मंगल अपने स्थान से चौथे, सातवें और आठवें स्थान पर
दृष्टि डालता है।
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गुरु जहाँ स्थित है वहाँ से पाँचवीं, सातवीं और नौवीं
दृष्टि डालता है।
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प्रत्येक ग्रह जिस भाव में स्थित है उस भाव से सातवें
भाव पर पूर्ण दृष्टि रखता है।
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शनि
तृतीय और दसवें भाव पर भी दृष्टि रखता है।
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मंगल
मकर राशि में उच्च का तथा इसकी नीच राशि कर्क है।
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गुरु कर्क राशि में उच्च का एवं मकर राशि में नीच का
होता है।
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राहू-केतु छाया ग्रह माने जाते हैं। ये हमेशा एक-दूसरे
के सामने यानी सातवें स्थान पर होते हैं।
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जैसे
अगर राहू केंद्र में होगा तो केतु सातवें स्थान में
होगा। अगर केतु केंद्र में होगा तो राहू सातवें स्थान
पर होगा।
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जब
कुंडली के सारे ग्रह राहू-केतु के बीच में आते हैं तो
कालसर्प योग होता है। |
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VIVEK SHASTRI |
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